भारत के करनाल (हरियाणा) में 17 मार्च 1962 को पैदा हुई कल्पना चावला अंतरिक्ष मे जाने वाली पहली महिला भारतीय थी।
कल्पना चावला प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री और द्वितीय भारतीय अंतरिक्ष यात्री थी। पहले भारतीय "राकेश शर्मा" थे। जिन्होंने 1984 में सोवियत अंतरिक्ष यान में उड़ान भरी थी।
जन्म - 17 मार्च 1962
टैगोर स्कूल, करनाल से ही 1976 में ग्रेजुएट हुई थी।
उसके बाद पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से "एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग" की।
फिर इसी में मास्टर डिग्री के लिए में टेक्सास इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया।
1983 में उन्होंने एक उड़ान प्रशिक्षक और विमानन लेखक "जीन पियरे हैरिसन" से शादी कर ली और 1990 में अमेरिकी नागरिक बन गई।
1994 में नासा में चयन हुआ था।
1 अप्रैल 2003 की उनका स्पेस शटल कोलंबिया STS - 107 पृथ्वी पर वापस आते टाइम पृथ्वी की सतह में प्रवेश करते ही टूट कर नष्ट हो गया था जिस में सभी 7 अंतरिक्ष यात्रियों की मृत्यु हो गई थी।
नासा ने इन सभी यात्रियों की याद में मंगल ग्रह की 7 पहाड़ियों की श्रृंखला "कोलंबिया हिल्स" का नाम इन सभी 7 अंतरिक्ष यात्रियों के नाम पर रखा है।
media report के अनुसार नासा को पता था कि स्पेस शटल सकुशल पृथ्वी पर नही आ पायेगा पर वो नही चाहते थे सभी यात्री अपने जीवन के अंतिम स्पेस मिशन को मौत के साये में जिये। बल्कि खुशी खुशी जिंदगी का सुख ले।
नासा ने कल्पना के नाम से एक सुपर कंप्यूटर समर्पित किया।
- बाबा बेरोजगार
कल्पना चावला प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री और द्वितीय भारतीय अंतरिक्ष यात्री थी। पहले भारतीय "राकेश शर्मा" थे। जिन्होंने 1984 में सोवियत अंतरिक्ष यान में उड़ान भरी थी।
जन्म - 17 मार्च 1962
टैगोर स्कूल, करनाल से ही 1976 में ग्रेजुएट हुई थी।
उसके बाद पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से "एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग" की।
फिर इसी में मास्टर डिग्री के लिए में टेक्सास इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया।
1983 में उन्होंने एक उड़ान प्रशिक्षक और विमानन लेखक "जीन पियरे हैरिसन" से शादी कर ली और 1990 में अमेरिकी नागरिक बन गई।
1994 में नासा में चयन हुआ था।
1 अप्रैल 2003 की उनका स्पेस शटल कोलंबिया STS - 107 पृथ्वी पर वापस आते टाइम पृथ्वी की सतह में प्रवेश करते ही टूट कर नष्ट हो गया था जिस में सभी 7 अंतरिक्ष यात्रियों की मृत्यु हो गई थी।
नासा ने इन सभी यात्रियों की याद में मंगल ग्रह की 7 पहाड़ियों की श्रृंखला "कोलंबिया हिल्स" का नाम इन सभी 7 अंतरिक्ष यात्रियों के नाम पर रखा है।
media report के अनुसार नासा को पता था कि स्पेस शटल सकुशल पृथ्वी पर नही आ पायेगा पर वो नही चाहते थे सभी यात्री अपने जीवन के अंतिम स्पेस मिशन को मौत के साये में जिये। बल्कि खुशी खुशी जिंदगी का सुख ले।
नासा ने कल्पना के नाम से एक सुपर कंप्यूटर समर्पित किया।
- बाबा बेरोजगार
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