कभी हम भी लिखा करते थे...
अपने गम को पिरो कर, कविता बनाया करते थे।
वाह वाह वाह
तो आज है विश्व कविता दिवस। बचपन से स्कूल में बहुत कविताएं पढ़ी थी, कॉलेज में पढ़ी, अब ऑनलाइन पढ़ते है।
कविता बहुत सारी बातों को चंद लाइन में पिरो देती है और सब कुछ कह जाती है।
इसीलिए यूनेस्को द्वारा कवियों और कविता के सम्मान में प्रतिवर्ष 1999 से 21 मार्च को विश्व कविता दिवस मनाया जाता है। यह निर्णय UNESCO के 30वें सत्र में लिया गया...
महत्वपूर्ण -
- बाबा बेरोजगार
अपने गम को पिरो कर, कविता बनाया करते थे।
वाह वाह वाह
तो आज है विश्व कविता दिवस। बचपन से स्कूल में बहुत कविताएं पढ़ी थी, कॉलेज में पढ़ी, अब ऑनलाइन पढ़ते है।
कविता बहुत सारी बातों को चंद लाइन में पिरो देती है और सब कुछ कह जाती है।
इसीलिए यूनेस्को द्वारा कवियों और कविता के सम्मान में प्रतिवर्ष 1999 से 21 मार्च को विश्व कविता दिवस मनाया जाता है। यह निर्णय UNESCO के 30वें सत्र में लिया गया...
महत्वपूर्ण -
- विश्व कविता दिवस (World Poetry Day) - 21 मार्च
- शुरुवात - 1999 से
- UNESCO - United Nations Educational Scientific and Cultural Organization (सयुंक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन)
- मुख्यालय - पेरिस, फ्रांस
- बाबा बेरोजगार
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