बचपन में बहुत खाये थे पर पता नही था कि ये इतना गुणकारी होगा। अब इससे डाइबटीज का इलाज भी संभव होगा।
किलमोड़ा से दवा बनाने के फार्मूला का पेटेंट करवाया है कुमाऊं यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. बिना पांडेय जी ने।
कुमाऊं विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी डिपार्टमेंट की HOD (विभागाध्यक्ष) हैं। उन्हीने बताया कि टाइप 2 डाइबटीज के मरीजों में निऑप्टरीन घोल एवं न्यूरोवस्क्युलर चार्जेज के बीच के संबंध और उन पर मुख्यतः बरबेरिस एरिसटाटा (किलमोड़ा) आयुर्वेदिक उत्पाद के प्रभाव में उन्हें पेटेंट मिला है।
उन्होंने इसके लिए मार्च 2015 में आवेदन किया था। और 24 मार्च को अमेरिका से आये मेल में उन्हें पेटेंट ही जाने का पता चला। यह कुमाऊं विश्व विद्यालय को पहला पेटेंट मिला है। और जल्द ही कंपनियों से बात करके इसकी दवा बाजार में सभी के लिए आजायेगी।
Important -
वानस्पतिक नाम - बरबेरिस एरिसटाटा (Berberis Aristata)
दुनियाभर में इसकी 500 के करीब प्रजातियां पाई जाती हैं। इसका पूरा पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है। पर अब ये उत्तराखंड में भी संकटग्रस्त है। क्योंकि इसे सिर्फ एक जंगली झाड़ी मान कर काट दिया जाता है या नष्ट कर दिया जाता हैं हमे इसके संरक्षण की जरूरत है। और इसको बढ़ावा देना होगा, साथ ही राज्य सरकार से भी इसके लिए मजबूत संरक्षण नियम बनाने की अपील करनी होगी।
- बाबा बेरोजगार
No comments:
Post a Comment