आज है विश्व मलेरिया दिवस। गर्मियों में अक्सर एक भयानक बीमारी हमें जकड़ लेती है और वो है मलेरिया। जो मच्छरों के काटने से होती है।
मलेरिया बीमारी सिर्फ और सिर्फ बचाव और साफ सफाई से रोकी जा सकती है। अक्सर घरों में, बगीचों में या फिर पार्क में मच्छरों की संख्या ज्यादा होती है। और बरसात में जगह जगह पानी इकठ्ठा होने से भी मच्छरों को अपने अंडे देने के लिए सही जगह मिल जाती है। जिससे इन की संख्या बढ़ती ही जाती है।
मलेरिया के शुरुवाती लक्षण -
बुखार, फ्लू
ठंड लगना, कंपकपी लगना
सिर दर्द
उल्टी, डायरिया
मलेरिया सभी मच्छरों के काटने से नही होता, एनोफिलीज मच्छर के काटने से प्रोटोजुअन प्लाजमोडियम नामक कीटाणु शरीर मे चला जाता है जिस से मलेरिया होता है।
25 अप्रैल 2001 से अफ्रीका मलेरिया दिवस के रूप में मलेरिया जागरूक अभियान चलता था, 2007 में विश्व मलेरिया दिवस की स्थापना हुई।
और 25 अप्रैल 2008 को पहला विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया।
इस साल की थीम है 2018 Theme - "Ready to beat Malaria" (WHO official)
गर्मियों में कूलर में पड़े पानी मे भी ये अंडे दे देते हैं। इसलिए टाइम टाइम पर कूलर का पानी बदलते रहना चाहिए। अपने घर के आस पास कही भी खुले में पानी जमा नही होना चाहिए।
घर से बाहर बच्चे खेलने भी निकलें तो मच्छरों से बचाव की क्रीम हाथ पांव में लगा के निकलें। छोटी छोटी बातें बड़ी बीमारी को रोकने में कारगर होती हैं।
आज विश्व मलेरिया दिवस पर इस बीमारी के प्रति सभी को जागरूक करें। स्वस्थ रहें। क्यूंकी ये एक जानलेवा बीमारी है अगर परहेज और बचाव न किया जाए तो।
- बाबा बेरोजगार
मलेरिया बीमारी सिर्फ और सिर्फ बचाव और साफ सफाई से रोकी जा सकती है। अक्सर घरों में, बगीचों में या फिर पार्क में मच्छरों की संख्या ज्यादा होती है। और बरसात में जगह जगह पानी इकठ्ठा होने से भी मच्छरों को अपने अंडे देने के लिए सही जगह मिल जाती है। जिससे इन की संख्या बढ़ती ही जाती है।
मलेरिया के शुरुवाती लक्षण -
बुखार, फ्लू
ठंड लगना, कंपकपी लगना
सिर दर्द
उल्टी, डायरिया
मलेरिया सभी मच्छरों के काटने से नही होता, एनोफिलीज मच्छर के काटने से प्रोटोजुअन प्लाजमोडियम नामक कीटाणु शरीर मे चला जाता है जिस से मलेरिया होता है।
25 अप्रैल 2001 से अफ्रीका मलेरिया दिवस के रूप में मलेरिया जागरूक अभियान चलता था, 2007 में विश्व मलेरिया दिवस की स्थापना हुई।
और 25 अप्रैल 2008 को पहला विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया।
इस साल की थीम है 2018 Theme - "Ready to beat Malaria" (WHO official)
गर्मियों में कूलर में पड़े पानी मे भी ये अंडे दे देते हैं। इसलिए टाइम टाइम पर कूलर का पानी बदलते रहना चाहिए। अपने घर के आस पास कही भी खुले में पानी जमा नही होना चाहिए।
घर से बाहर बच्चे खेलने भी निकलें तो मच्छरों से बचाव की क्रीम हाथ पांव में लगा के निकलें। छोटी छोटी बातें बड़ी बीमारी को रोकने में कारगर होती हैं।
आज विश्व मलेरिया दिवस पर इस बीमारी के प्रति सभी को जागरूक करें। स्वस्थ रहें। क्यूंकी ये एक जानलेवा बीमारी है अगर परहेज और बचाव न किया जाए तो।
- बाबा बेरोजगार
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