आज पूरे विश्व में पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है। पृथ्वी पर बढ़ रहे प्रदूषण और उस से हो रहे दुष्प्रभाव को दुनिया के सामने लाने और रोकने के लिए 22 अप्रैल को विश्व भर में पृथ्वी दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा गया था।
1970 में अमेरिकन सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने शिक्षा के रूप में इसकी शुरुआत की थी। अब इसे 192 देशों से भी ज्यादा में हर साल मनाया जाता है। (wikipedia)
पृथ्वी दिवस ध्वज
पृथ्वी दिवस पर्यावरणीय ध्वज
विश्व के ध्वजों के अनुसार कार्टूनिस्ट रोन कोब्ब के द्वारा पर्यावरणीय ध्वज का निर्माण किया गया और इसे 7 नवंबर 1969 को प्रकाशित किया गया। यह निशान E और O से मिल कर बनाया गया है जहाँ E का मतलब Environment और O का मतलब Organism है।
पहले साल में 2 बार पृथ्वी दिवस मनाया जाता था। एक तो 22 अप्रैल को मनाया जाता है पर 21 मार्च को भी अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। जिसे सँयुक्त राष्ट्र संघ का समर्थन है। 21 मार्च को मनाने का कारण यह भी है कि इस दिन पृथ्वी में दिन और रात बराबर होते हैं। इसे उत्तरी गोलार्ध में बसंत तो दक्षिण गोलार्ध में पतझड़ के रूप में मनाया जाता है।
पर अब 22 अप्रैल को विश्व भर में पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस साल पृथ्वी दिवस 2018 की थीम - प्लास्टिक प्रदूषण खत्म करो
आजकल प्लास्टिक प्रदूषण का बहुत खतरनाक कारक बना हुआ है। वैज्ञानिकों का दावा है कि समंदर में 2050 तक मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक कचरा होगा। क्योंकि हर कोई अपना कूड़ा नदी नालों और समंदर में डाल कर इस से छुटकारा चाहता है।
सरकार समय समय पर प्लास्टिक के कम उपयोग के लिए जागरूक करती रहती है तो हमे भी कोशिश करनी चाहिए कि इसका इस्तेमाल कम से कम करें। क्योंकि प्लास्टिक कभी नष्ट नही होता। इसलिए इसका दुबारा इस्तेमाल करें। बाजार खुद का बैग ले जाये। अगर प्लाटिक बैग मिले भी तो उसका बार बार इस्तेमाल करें। हर बार नया प्लास्टिक बैग न ले।
सरकार अब प्लास्टिक से रोड बनाने की और अग्रसर है। जिसकी शुरुआत हो चुकी है। और जल्द ही सब जगह इस तकनिक का इस्तेमाल किया जाएगा जिस से प्लास्टिक के सही उपयोग के साथ इसके कचरे से छुटकारा भी मिलेगा।
kk Plastic waste management ltd. (link) इसी पर काम कर रही है और स्वच्छ भारत अभियान में साथ दे रही है। प्लास्टिक रोड का काम अभी चल रहा है और इस पर रिसर्च कर इसकी मजबूती और टिकाऊपन देखा जा रहा है। क्योंकि प्लास्टिक चारकोल से भी ज्यादा टिकाऊ और मजबूत है।
और प्लास्टिक से रोड बनाने का आईडिया दुनिया को भारत के ही व्यक्ति ने दिया है। मदुरै के केमिस्ट्री प्रोफेसर डॉ राजगोपालन वासुदेवन ने खोजी ये तकनीक। इस पर उनका पेटेंट भी है। इसके बाद ही दुनिया अब इस कदम की और बढ़ कर इस पर अपने अपने आईडिया लगा रही है। शुरुवात भारत से हुई। दुनिया को प्लास्टिक से छुटकारा दिलाने का सही रास्ता भारत ने ही दिखाया।
जमशेदपुर टाटानगर (झारखंड) में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को) द्वारा प्लास्टिक रोड बनाई जा चुकी है। और सही से आईडिया काम भी कर रहा है।
- बाबा बेरोजगार
1970 में अमेरिकन सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने शिक्षा के रूप में इसकी शुरुआत की थी। अब इसे 192 देशों से भी ज्यादा में हर साल मनाया जाता है। (wikipedia)
पृथ्वी दिवस ध्वज
पृथ्वी दिवस पर्यावरणीय ध्वज
विश्व के ध्वजों के अनुसार कार्टूनिस्ट रोन कोब्ब के द्वारा पर्यावरणीय ध्वज का निर्माण किया गया और इसे 7 नवंबर 1969 को प्रकाशित किया गया। यह निशान E और O से मिल कर बनाया गया है जहाँ E का मतलब Environment और O का मतलब Organism है।
पहले साल में 2 बार पृथ्वी दिवस मनाया जाता था। एक तो 22 अप्रैल को मनाया जाता है पर 21 मार्च को भी अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। जिसे सँयुक्त राष्ट्र संघ का समर्थन है। 21 मार्च को मनाने का कारण यह भी है कि इस दिन पृथ्वी में दिन और रात बराबर होते हैं। इसे उत्तरी गोलार्ध में बसंत तो दक्षिण गोलार्ध में पतझड़ के रूप में मनाया जाता है।
पर अब 22 अप्रैल को विश्व भर में पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस साल पृथ्वी दिवस 2018 की थीम - प्लास्टिक प्रदूषण खत्म करो
आजकल प्लास्टिक प्रदूषण का बहुत खतरनाक कारक बना हुआ है। वैज्ञानिकों का दावा है कि समंदर में 2050 तक मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक कचरा होगा। क्योंकि हर कोई अपना कूड़ा नदी नालों और समंदर में डाल कर इस से छुटकारा चाहता है।
सरकार समय समय पर प्लास्टिक के कम उपयोग के लिए जागरूक करती रहती है तो हमे भी कोशिश करनी चाहिए कि इसका इस्तेमाल कम से कम करें। क्योंकि प्लास्टिक कभी नष्ट नही होता। इसलिए इसका दुबारा इस्तेमाल करें। बाजार खुद का बैग ले जाये। अगर प्लाटिक बैग मिले भी तो उसका बार बार इस्तेमाल करें। हर बार नया प्लास्टिक बैग न ले।
source - kkplasticroads |
सरकार अब प्लास्टिक से रोड बनाने की और अग्रसर है। जिसकी शुरुआत हो चुकी है। और जल्द ही सब जगह इस तकनिक का इस्तेमाल किया जाएगा जिस से प्लास्टिक के सही उपयोग के साथ इसके कचरे से छुटकारा भी मिलेगा।
kk Plastic waste management ltd. (link) इसी पर काम कर रही है और स्वच्छ भारत अभियान में साथ दे रही है। प्लास्टिक रोड का काम अभी चल रहा है और इस पर रिसर्च कर इसकी मजबूती और टिकाऊपन देखा जा रहा है। क्योंकि प्लास्टिक चारकोल से भी ज्यादा टिकाऊ और मजबूत है।
और प्लास्टिक से रोड बनाने का आईडिया दुनिया को भारत के ही व्यक्ति ने दिया है। मदुरै के केमिस्ट्री प्रोफेसर डॉ राजगोपालन वासुदेवन ने खोजी ये तकनीक। इस पर उनका पेटेंट भी है। इसके बाद ही दुनिया अब इस कदम की और बढ़ कर इस पर अपने अपने आईडिया लगा रही है। शुरुवात भारत से हुई। दुनिया को प्लास्टिक से छुटकारा दिलाने का सही रास्ता भारत ने ही दिखाया।
जमशेदपुर टाटानगर (झारखंड) में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को) द्वारा प्लास्टिक रोड बनाई जा चुकी है। और सही से आईडिया काम भी कर रहा है।
- बाबा बेरोजगार
Very nice information! Thank you for sharing with us.
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