जम्मू कश्मीर की मोजुदा हालत बहुत ख़राब हो चुकी है... हर रोज आतंकी हमलों के साथ अलगाववादियों द्वारा सेना पर पत्थरबाजी किया जाना.... कश्मीर भारत का हो कर भी पराया सा लगता है...
जन्नत कहे जाने वाले कश्मीर के हालत आज तक सही नही हुए हैं... हर रोज पत्थरबाजी से सेना अपना काम सही ढंग से नहीं कर पा रही है... ये तो बस भारतीय सेना की अच्छाई कहे कि अब तक सब्र रख कर उनका साथ दे रही है, उनकी रक्षा कर रही है...
पर पता नहीं क्यों कश्मीर के लोग, सारे नहीं पर चन्द लोग बाहरी लोगो के बहकावे में आ कर, अपने ही रक्षक को भक्षक समझ रहे है... उनके कंधे पर बन्दुक रख कर सेना पर जो बन्दुक चला रहा है, वो जनता है कि जब तक ये लोग साथ हैं कोई उनका कुछ नहीं कर सकता...
सेना दुश्मनों से ज्यादा सीमा के अन्दर के लोगो से ज्यादा परेशान हैं... क्यूंकि जम्मू कश्मीर के लोग उन आतंकवादियों को न सिर्फ बचा रहे हैं बल्कि उन्हें पनाह दे रहे हैं.... जिस से कि सेना को उनको ढूंढे में परेशानी हो रही है...
अगर इसे हालत भारत के किसी भी और राज्य में हुए होते तो वहां की जनता के भरपूर साथ से आतंकवाद कब का जड़ से मिट चूका होता... अनुच्छेद (धारा) 370 इस की सबसे बड़ी वजह मानी जा सकती है...
धारा 370 (विकिपीडिया लिंक) सीधे सीधे कहे तो जम्मू कश्मीर को पराया बना देती है... ऐसा क्यों कहा इसके लिए निचे दी कुछ बातो को जाने....
पहली बात तो ये की इस की वजह से वहां भारत के किसी भी राज्य का कोई भी निवासी जम्मू कश्मीर में जमीं नहीं खरीद सकता...
दूसरा वहाँ का अपना झंडा है... यंही कि वो भारत का राज्य हो के भी एक अलग देश की तरह है... वहां पर वो भारतीय झंडे (तिरंगे) का खुले आम बहिस्कार कर सकते हैं, अपमान कर सकते हैं... और हम कुछ नहीं कर सकते...
वहां के लोगो के पास दोहरी नागरिकता है... और तो और अगर कोई पाकिस्तानी युवक किसी कश्मीरी लड़की से शादी कर ले तो वो उसी समय भारतीय नागरिकता के लायक हो जाता है... मतलब वो खुले आम देश में कही भी घूम सकता है... और आप उसे कुछ भी नहीं कह सकते...
वहां चुनाव होने पर विधान सभा 6 साल की होती है... यानि भारत के हर राज्य में 5 साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो वहां 6 साल के लिए...
जम्मू कश्मीर में अल्प संख्यकों (हिन्दू और सिख) को कोई भी आरक्षण नहीं मिलता...
और तो और भारत के सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी वहां मान्य नहीं है... मतलब वो अलग ही दुनिया है...सायद इसी लिए उसे जन्नत कहा होगा किसी ने....
अब सोचिये इनता होने के बाद भी धारा 370 को हटाने के लिए कोई भी पार्टी साथ मिल कर फैसला नहीं लेना चाहती... हाँ पाकिस्तान की फायरिंग होने पर हल्ला करेंगे....
अब सोचना ये है कि क्या धारा 370 को हटा कर जम्मू कश्मीर को इस देश का बनने का टाइम आ गया है??? क्या सभी राजनेतिक पार्टियाँ अपना निजी स्वार्थ छोड़ कर अब इस धारा 370 को हटाने के लिए एक साथ आगे आएँगी???
या सिर्फ सेना किसी दुसरे पराये इलाके में जिसे जन्नत कहा जाता है, में जा कर देश की रक्षा अकेले करेगी...
सोचिये आप भी, कि इस का जिम्मेदार कौन है??? अलगाववादी या उनको ये ताकत देने वाला धारा 370...
No comments:
Post a Comment