Cigarette

Google Translator

Wednesday 13 June 2018

अपनी लाइफ पर क्यों नहीं बन सकती कोई बायोपिक मूवी

blogger widgets
आज कल सभी सक्सेसफुल लोगों की लाइफ पर कोई न कोई बायोपिक मूवी बनती रहती है... कैसे कोई जमीं से उठ कर आस्मां की बुलंदियों को छूता है... पर स्टोरी तो हमारी लाइफ की भी कम नहीं... पर अपने पर मूवी क्या कोई स्टोरी भी नही छापता...


अपनी लाइफ पर क्यों नहीं बन सकती कोई बायोपिक मूवी, personal story vs bollywood biopic movie... our life story vs film story








सचिन पर फिल्म बनी, धोनी पर फिल्म बनी, मिल्खा सिंह पर बनी, पहलवान फोगट फॅमिली पर बनी है, मैरी कॉम, नीरजा, संजय दत्त, पान सिंह तोमर, यहाँ तक की फूलन देवी पर भी फिल्म बन चुकी है... क्यूंकि उनके जिन्दगी में चाहे तकलीफ हम जैसी रही हो पर लास्ट में उन्होंने सक्सेस यानि सफलता पा ली थी...

और हम लोग बस जिए जा रहे हैं और बस दिन काट रहे हैं... लाइफ में उतर चढ़ाव हमारे भी कम नहीं है पर लाइफ उस से आगे नहीं बढ़ रही पर वही अटकी हुई है...


अपनी लाइफ पर क्यों नहीं बन सकती कोई बायोपिक मूवी, life funny hindi meme

जब हम इन लोगों की बायोपिक यानि जिन्दगी पर बनी फिल्म देखते हैं तो हमे भी लगता है कि ये सब तो अपनी लाइफ में भी होता रहता है... हम तो इस से भी बड़े गम और मुसीबत झेलते हैं पर हम उतने सक्सेस नहीं हो पाए की कोई हमारी स्टोरी छापे...






हमारी लाइफ में भी पहला प्यार आता है... पहला प्यार जो कभी हमारा नहीं होता... कभी कभी उसे पता भी नहीं होता की वो हमारा पहला प्यार है... फिर उसके जाने का गम...

लाइफ में पढाई के बाद का वो सर दर्द कि अब करना क्या है... आगे ऐसा क्या करें जिस से लाइफ सेट हो जाये... कोई सही रास्ता बताने वाला नहीं, तब आज की तरह इंटरनेट का इतना यूज़ नहीं था... कुछ खाश हमे पता नहीं था... जो सब कर रहे थे वही हम भी करने लगे...

पैसा है तो B.Tech करों वरना ग्रेजुएशन कर लो... और कोई कोर्स पता नहीं था और न किसी ने बताया... सायद तब 4G का जमाना होता तो लाइफ कुछ और होती... शायद बर्बाद हो जाते इन्टरनेट से या आबाद... वेसे बर्बाद तो अभी भी हैं...


अपनी लाइफ पर क्यों नहीं बन सकती कोई बायोपिक मूवी, funny life hindi meme

एक अच्छी फिल्म के लिए एक अच्छी स्टोरी चाहिए होती है और हम सब की लाइफ एक मस्त फिल्म की तरह होती है... उसमे प्यार होता है, झगडा होता है... इमोशन, रोना धोना, ड्रामा... गम और शराब... चुन्नी बाबू होता है जो शराब पिला पिला कर शराब छोड़ने को कहता है... दोस्त होते हैं, दुश्मन होते हैं... जॉब के लिए वो दर दर भटकना होता है... कुछ पैसो के लिए 8, 10, 12 घंटे की जॉब में जिन्दगी काटना... सैलरी के एक एक रूपये का हिसाब करना... छोटी सी उम्र में घर के बारे में सोचना... पैसा बचाना है पर इतने कम में बचे कैसे... दुनिया भर की परेशानी... फिर आता है एक गाना... एक ऐसा गाना जो कुछ पल के लिए सब कुछ भुला देता है... कुछ पल के लिए लाइफ की फिल्म का बेस्ट पार्ट होता है वो... दोस्तों के साथ एक छोटा सा टूर... शाम को थके आ कर कुछ पल की बकलोली सब कुछ भुला देती है पर...






रात को नींद आती नहीं पूरी और अब तक की सारी कहानी फ़्लैश बैक में दिखने लगती है... और अपना फ्यूचर और भी अँधेरे में दिखने लगता है... रोना आता है पर रो नहीं सकते... सोना चाहते हैं पर नींद गायब... सोचते हैं तब ये कर लिया होता तो सायद कुछ सही होता आज... कुछ पुरानी गलतियाँ याद आती हैं और सोचते हैं कि किसी और को ये गलतियाँ नहीं करने देंगे...
अपने बच्चों को शुरू से ही लाइफ का ज्ञान दे देंगे कि चाहे जो करो पर आगे का सोच कर करो... सक्सेस होने के लिए करो... चाहे 90% लाओ, 60% लाओ, 50% लाओ, या फिर पास हो या फ़ैल... कुछ ऐसा करना की आगे लाइफ आराम से कटे... ख़ुशी से कटे... रातों को ख़ुशी में जागना पड़े न कि फ्यूचर की सोचते हुए टेंशन में... पर....

ये सब तब हो न जब हम सक्सेस हो और हमारी शादी हो... हाहाहा ऐसी हाल में तो कोई लड़की देखती तक नहीं और कोई बाप अपनी लड़की का हाथ शादी के लिए देता नहीं.... बस इन्तेजार है अब अपने लाइफ के फिल्म का हिट या फ्लॉप  होने का... देखते हैं.... स्टोरी अपने बीबी बच्चों को सुनायेंगे या एक दुसरे को हाहाहा...

- बाबा बेरोजगार 

No comments:

Post a Comment

Blogger Widgets