देवीधुरा मेले के बारे में हम सब ने सुना होगा... जिसने नहीं सुना उन्हें बता दूँ कि इस मेले का आयोजन उत्तराखंड के चम्पावत के देवीधुरा में माँ बाराही धाम में मनाया जाता है... पहले इस मेले में पत्थरों का युद्ध होता है...
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photo source - eamarujala |
इस एतिहासिक युद्ध में भाग लेने के लिए चार खाम और सात थोकों के लोग अपने फर्रों को बनाते हैं... और एक दूसरों पर पत्थरों को फैंक कर युद्ध किया जाता था... पर इस में बहुत से लोग घायल हो जाते थे... इस लिए सरकार ने पत्थरों के युद्ध पर रोक लगा दी पर पुरानी पाषाण युद्ध के एतिहासिक महता का आदर कर पत्थरों के जगह फूल और फलों का इस्तेमाल होता है...
इस मेले के बारे में मैं ज्यादा तो जानता नहीं पर आज जो अमर उजाला में इस के बारे में बहुत ही अच्छी बातें आई हैं वो में यहाँ पोस्ट कर रहा हूँ... क्यों कि शायद ही मैं इस बारें में इतने अच्छे तरीके से कुछ बता सकूँ... इस लिए सारी जानकारी नीचे फोटो भेज रहा हूँ... इस में क्लिक कर Full Image पर आप पूरी बातें पढ़ सकते हैं...
इस मेले के बारे में मैं ज्यादा तो जानता नहीं पर आज जो अमर उजाला में इस के बारे में बहुत ही अच्छी बातें आई हैं वो में यहाँ पोस्ट कर रहा हूँ... क्यों कि शायद ही मैं इस बारें में इतने अच्छे तरीके से कुछ बता सकूँ... इस लिए सारी जानकारी नीचे फोटो भेज रहा हूँ... इस में क्लिक कर Full Image पर आप पूरी बातें पढ़ सकते हैं...
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आशा है माँ बाराही हम सब पर अपनी कृपा बनाये रखे... इस बार ना जा सके तो एक बार जरूर जायें इस मेले में... इस ज़माने में प्राचीन युद्ध की झलक देखना किसी अनोखे अहसास से कम नहीं होगा.... चम्पावत जाने के लिए दो मुख्य रास्तें ही एक तो पिथोरागढ़ से सीधे... या फिर हल्द्वानी से खटीमा फिर वहाँ से टनकपुर होते हुए सीधे चम्पावत जा सकते हैं...
- बाबा बेरोजगार
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