बचपन से ही हम सब ने भूतों के बारे में सुना है... चाहे हम उस में विश्वास करे
न करें पर बचपन से ही हर बच्चे को ये पता है कि जहाँ अँधेरा हो, सुनसान इलाका हो
या फिर जहाँ हमें डर लगे, वहां कुछ कुछ तो बुरी चीज़ या फिर बुरी ताकत है जिसे भूत
कहते हैं हम...
मुझे याद नहीं कि किसने हमे बताया कि भूत
क्या होता है??? उस से डरना होता है, वो बुरा होता है, तकलीफ देता है, और मैं क्या
शायद हम में से किसी को भी ढंग से मालूम न हो... पर ये एक संस्कार की तरह ही है जो
एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को दिया जाता है या बताया जाता है... एक नजरिये से ये अगर
कहानी की तरह है तो बस इस लिए बनाई गई है ताकि छोटे बच्चे बिना किसी को बताये किसी
सुनसान जगह न जाये, न ही किसी भी अनजान जगह बिना बताये चले जाये, एक तरह से ये बच्चों की भलाई के लिए ही था...
पर बड़े होने के बाद किसी को ये बातें बचकानी
लगती हैं वो समझ जाता है कि अगर भूत हो भी तो एक हद तक उनसे दूर रहना होता है या
फिर डरना होता है... पर कुछ के मन में ये बात बहुत अन्दर तक बैठ जाती है...
वेसे इसमे कोई बुरी बात नहीं है क्यों कि
कोई कितना भी बड़ा बहादुर अपने आप को क्यूँ न समझे अन्दर ही अन्दर सुनसान रात में
उस के अन्दर भी थोडा बहुत डर घबराहट तो आ ही जाती है...
मुझे याद है जब बचपन में हम रात को टीवी पर
आहट या फिर कोई और हॉरर शो देखते थे तो बाबा डर के मारे वाट लग जाती थी... छुप छप
के देखते थे, आँखों को हाथों से छुपा कर थोडा सा छेद बना कर वहां से देखते थे या
फिर मुह कम्बल से ढक कर देखते थे... हाहाहा
अभी एक हॉरर मूवी ”The Conjuring (2013)” देख रहा था तो मेरा वही डर मेरी वाट लगा रहा
था तो सोचा Post कर दूं, इसी बहाने थोड़ी बचपन कि बातें भी हो जाये... वेसे
तो मैंने इस से भी बहुत भयानक मूवी देखीं है पर ये HD Clear Print वाली Movie थी... कुछ ज्यादा
ही Clear और साफ़ दिख रहा है तो ज्यादा डर लग रहा है... हाहाहा... अब थोड़ी हिम्मत
और आ गई है अब बाकि कि मूवी देखता हूँ bye…
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बाबा बेरोजगार
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