बेरोजगारी.... बेरोजगारी के बारे में बाबा बेरोजगार से ज्यादा कोई और जानता हो
न हो पर जितना मुझे पता उस को बताने की कोशिश करूँगा... वेसे बहुत खुशकिस्मत होते
हैं वो लोग जिन्हें अपनी जिन्दगी में सफल होने से पहले बेरोजगारी के कुछ पल जीने
को मिलते हैं...
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थोडा अजीब लग रहा होगा कि ये क्या कह रहा
हूँ पर कहते हैं न जब तक किसी चीज़ को पाने में मेहनत न लगे उसे पाने की असली ख़ुशी
भी नहीं मिलती... याद करो बचपन में जब हम किसी खिलोने या फिर किसी दूसरी चीज़ के
लिए अपने मम्मी-पापा से जिद की, फाडू जिद की हो, जमीं असमान एक कर दिया हो फिर जा
के वो चीज़ मिलती थी तो कसम से बाबा कश्मीर जीत लेने जैसी फीलिंग आती थी...
ठीक उसी तरह बेरोजगारी के पल का मजा जो होता
है वो एक बेरोजगार ही जान सकता है... हा वो अलग बात है की इस पल का मजा तभी है जब
उस के बाद उसका फल भी मिले, आगे अच्छी जॉब मिलने से... हाहाहा
जब घर से लाख गाली खा के दिल में कुछ करने
का मन करता है, दिमाग की दही हो जाती है.. दुनिया एक अजीब सी जगह लगती है... जहा
सब कुछ अपना दुश्मन लगता है... साथ वाला दोस्त महंगे-महंगे कपडे यूँ खरीदता है
जैसे सब्जी ले रहा हो... और हम एक कोने में चुप चाप ये देखते रहते हैं कि कभी अपने
दिन भी आएंगे और हम भी ऐसे ही महंगे कपडे खरीदेंगे... पर साला इसी टाइम हमारा
दिमाग भी खूब बिसनेस मैन की तरह चलता है और हम मॉल में ऑफर में सबसे सस्ते और मस्त
कपड़े ढूंड ही लेते हैं... तब साला बड़ी फाडू फीलिंग आती है...
बेरोजगारी ही एक ऐसा टाइम है जहा हम अपने
फ्यूचर के बारे में सबसे अच्छी तरह से प्लान करते हैं... पैसा बचाना उसे सही ढंग
से इस्तेमाल करना सीखते हैं... दुनिया को एक अलग नजरिये से देखते हैं... इसलिए जो
भी जैसा भी पल मिला है उस में कोई अच्छा काम करो... उसका फायदा उठाओ...
बस
जिन्दगी के मजे लो... वरना जिन्दगी तो हमसे मजे ले ही रही है... हाहाहा
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बाबा बेरोजगार
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