Kargil vijay diwas
आज 26 जुलाई को
कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है... आज के ही दिन 1999 में पकिस्तान के
विरुद्ध भारतीय सेना ने कारगिल में विजय फ़तेह की थी...
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पाकिस्तान का
क्या करे, शुरुवात से ही जब से वो बना है कश्मीर के पीछे पड़ा है... जितना मिला है
वो तो उससे संभाला नही जाता है... कश्मीर के पीछे लगा हुआ है... कितनी बार हार कर
के भी वो नहीं माना और 1999 में उस ने घुसपेठियों के रूप में अपने सेनिक पुरे
हथियारों के साथ सीमा पर भेजे और अवेध रूप से कारगिल की ऊची चोटियों में कब्ज़ा कर
अपने बेस कैंप बनाये और भारतीय सेनिको पर हमला किया...
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ये लड़ाई लगभग 2
महीने तक चली... भारतीय सेनिकों ने अपनी जान पे खेल कर ये युद्ध जीता... क्युकि
दुश्मन ऊपर पहाड़ी की चोटी पर बैठा था और उसे सब दिख रहा था की कौन कहा से आ रहा
है... उस के लिए ये बहुत आसान था की भारतीय फोजियो को आराम से हरा सके... ये जान
कर भी भारतीय फौज बिना डरे बिना अपने अफसरों से कोई सवाल किये बस अपने देश के लिए,
अपनी जमीन से दुश्मन को भागने का जज्बा लिए चल पड़ा...
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आप सोच ही सकते
हो... आप उन की जगह रह के सोचो की ऊपर से दुश्मन आराम से सब देख रहा है फिर भी जान
को हथेली पर रख के उस से लड़ने जाने के लिए जिगर चाहिए गुरु... इस पे बनी फिल्म “LOC” में सब कुछ साफ़ साफ़ दिखाया गया है... देख के ही दिल
दहल जाता है...
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भारतीय सेना के
लगभग 500 से ज्यादा जवान शहीद हुए थे... और कितने घायल हुए.. उन के इस बलिदान की
वजह से ही आज पाकिस्तान की दुबारा हिम्मत नहीं हुई हमला करने की... आज भी उन को
सलाम करता है दिल... हम बस कहानी पढ कर और फिल्म में देख कर चिल्ला जाते है ये करो
वो करो... पर हमें भी कुछ करना चाहिए... आज कितने सेनिक हैं जिन की तरफ सरकार को
कोई मतलब नहीं... मीडिया आज कल छोटी छोटी ख़बरों को खूब चटपटा बना के दिखाती है पर
आज तक किसी ने ये नहीं देखा की कारगिल युद्ध में घायल हुए सेनिक अपनी जिन्दगी केसे
जी रहे हैं...
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पर फिर भी आज
भी भारतीय सेना के लिए युवाओ का जोश कम नहीं हुआ है... कोई भी भर्ती हो उत्तराखंड
के युवाओ का जोश देख के ही बनता है... वो जानते हैं की उस के बाद उनको अपनी बहुत
सी इच्छाओ को छोड़ना पड़ेगा... फिर भी वो इन सब के लिए तैयार हैं...
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जाना तो मैं भी
चाहता पर वो मुझे लेना नहीं चाहते थे... हाहाहा सही किया नहीं लिया मैं इन सब महान
लोगो की बराबरी भी नहीं कर सकता...
बस इतना ही
कहूँगा की देश की सेवा करो जरुरी नहीं की बस बॉर्डर पे बन्दूक ले के ही होगी
सेवा... हम अपने घर, मोहल्ले, गाव, कसबे, शहर, राज्य को भी सुरक्षित रख के सेवा कर
सकते हैं देश की... आज कल बाहर से ज्यादा दुश्मन अन्दर बैठे है...
हर दिन कोई ना
कोई चोरी, किडनेपिंग, छेडछाड, बलात्कार होते रह रहे हैं... हमे बस इन सब को रोकना
है... ये दिखाना है की भारत की एक सेना यहाँ भी है जो इन सब को रोकने के लिए तैयार
है... कही कुछ बुरा हो रहा हो तो आवाज जरूर उठाये... अगर लड़ने की हिम्मत न भी हो
तो पुलिस को टाइम से बता कर या फिर उस का विडियो बना कर मीडिया या इन्टरनेट में
डाल सकते है वो बिना अपनी पहचान बताये... इस से हमारा परिवार भी उस दुश्मनों की
धमकियों से बचा रहेगा और गलत इंसान को उस की सजा भी मिलेगी...
बस ये ही कहना
था... बाकि सब आप लोगो पर है बाबा... पढ़ के निकल लो या फिर इस बारे में एक बार फिर
सोच के देखो...
- बाबा बेरोजगार
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