हेल्लो दोस्तों... आज facebook में एक दोस्त ने गैरसैण मेले की फोटो पोस्ट की... मैंने भी पढाई गैरसैण से ही पूरी की है... वहा पर ही अपना बचपन और जवानी की शुरुवात की है... फोटो देख के बस अपने उस पुराने दिनों में खो गया...
source - facebook
मैंने अपने बचपन से लेकर कॉलेज पूरा होने तक की उम्र गैरसैण में ही बितायी है... हर बार नवम्बर महीने में यहाँ किसान मेला होता है... पर इस बार जल्दी शुरू हो गया क्यूंकि नवम्बर में विधानसभा सत्र शुरू होना है...
मुझे याद है जब पहली बार मेला हुआ था तो वहाँ के फील्ड को और बड़ा किया गया था... बहुत सारी दुकानों के लिए जगह बनाई गई थी... पहली बार इतना बड़ा मेला देखा था मैंने... यहाँ शहर में रहने वालों को शायद ही मेले का इतनी बेसब्री से इंतज़ार होता होगा जितना हम जैसे गाव में या फिर छोटे कस्बों में रहने वालों को होती है...
आज फिर से मेले की फोटो देख के बस वही पहले वाली Feeling आ गई... दिल गार्डन गार्डन हो गया... हाहाहा और अपने दोस्त को कहा कि जल्दी से मेले की और फोटो भी भेज... जिस मेले का इंतज़ार हम सब दोस्त पूरे साल करते थे वो देखना तो बनता है बाबा...
हम सब दोस्त मेले में मजे करते थे... ऊपर से जब कोई उत्तराखंडी सिंगर आता था तो सोने पे सुहागा... खूब डांस नाच गाना... हल्ला गुल्ला... लोंडो के साथ मटरगस्ती... 5rs वाली आइसक्रीम के लिए जी मचलना... हाहाहा... बस अब क्या कहू यार बस मन कर रहा है एक बार फिर सब दोस्त मिल के मेले में भटके... और खूब लाफंगरी मटरगस्ती करे... बस इतना सा अरमान है बाबा... miss you दोस्तों और miss you गैरसैण...
- बाबा बेरोजगार
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