धनतेरस के दिन हम सभी कुछ न कुछ नए सामान खरीदते हैं... क्यूंकि कहा जाता है कि इस दिन नए बर्तन या फिर मूर्तियाँ खरीदना शुभ होता है... पर क्यों खरीदते हैं ये शायद कि किसी को पता हो...
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बचपन से हम सब ने ये सुना है और पढ़ा है कि धनतेरस के दिन नए बर्तन या फिर कुछ और खरीदना शुभ होता है... पर कभी किसी ने नहीं पूछा कि आखिर क्यों???
कहते हैं कि धनतेरस के दिन ही जब देवताओं और राक्षसों के बीच समुद्र मंथन हो रहा था तो उस में से “भगवानों के डॉक्टर” “आयुर्वेद के ज्ञानी” “धन्वंतरी” सोने के कलश में अमृत ले के प्रकट हुए थे... क्यूंकि कलश भी एक प्रकार का बर्तन है इसलिए इस दिन कोई न कोई बर्तन खरीदने की प्रथा शुरू हुई और इसे शुभ माना जाता है...
आज के दिन धन समृधि के देवता कुबेर की भी पूजा की जाती है... धनतेरस के दिन नए बर्तन खरीदना शुभ होता है... पर इसका मतलब नहीं कि कोई सी भी धातु का बर्तन खरीद के ले आये... चाहे पीतल के लायें या फिर तांबे के बर्तन ख़रीदे पर लोहे के किसी भी चीज या बर्तन को न ख़रीदे...
आज के दिन चांदी खरीदना बहुत सी शुभ होगा... चाहे आप थोडा सा ही क्यूँ न ख़रीदे... थोडा सा चांदी का टुकड़ा या फिर तार ही सही... खरीदना शुभ होगा.... चांदी खरीद कर उसे दीपावली के दिन माँ लक्ष्मी को अर्पित करें... और उस के अगले दिन उसे जहा चावल रखते हैं वहाँ चावल के ढेर में पुरे साल भर के लिए रख दे... इससे घर में लक्ष्मी बनी रहेगी... चाहे धन की बारिश न हो पर धन की कमी भी नहीं होगी...
बर्तन लेना शुभ होता है... और अगर पानी का बर्तन ले तो और भी शुभ होता है... और एक मिटटी का बड़ा दिया जरूर ख़रीदे... जिस में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी के समक्ष दिया जलाये... जो पुरे दिन और रात जले...
और हां दिवाली के दिन मिटटी के दिए और मिटटी के सामान भी जरूर ख़रीदे... क्यूंकि इस से आप की दिवाली तो प्रकाशमय होती ही साथ में उन गरीब लोगो की दिवाली भी अच्छी जाएगी... हर बार अपना फायदा देखना अच्छी बात नहीं होती... दूसरों की ख़ुशी भी दिल खुश कर देती है... कर के देखो अच्छा लगता है... जय हो...
- बाबा बेरोजगार
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