कल अमरउजाला अखबार में एक बहुत ही सुन्दर कहानी पढ़ी... बस किसी की याद आ गई... तो सोचा पक्का इसे ब्लॉग में पोस्ट करूँगा ताकि जिन्होंने नहीं पढ़ी वो एक बार जरूर पढ़े...
पहला प्यार, पहली नजर का प्यार ये सब हर कोई कहता है... और हर किसी के लिए इसके अलग मायने और एक अलग स्टोरी होती है... चाहे आप की या फिर मेरी बाबा...
कभी कभी मैं उसे बहुत याद करता हूँ... क्यूंकि ना चाहते हुए भी कुछ चीजों को देख कर उसकी याद आ जाती है... कल ऐसे ही याद आई तो मैंने अपने एक दोस्त को Whatsapp message किया कि “यार आज अपनी रानी की बहुत याद आ रही है, उसके बिना जिन्दगी के ताश के खेल में हर बार हार ही हो रही है... जब रानी/बेगम अपने पास थी तो हर बाजी जीतता था पर अब हर जगह बस नाकामी ही मिल रही है... वो बहुत लकी थी मेरे लिए उसके जाते ही सारा लक चला गया...”
उसने भी मज्जे लेते हुए कहा कि “तुझे पहले ही कहा था उसे जाने मत दे... पर तब तो तू बड़ा अच्छा बन रहा था कि जाने दे उसी में उसकी ख़ुशी है... अब भुगत...”
तो मैंने भी कहा कि “अबे अगर नहीं जाने देता तो मेरे जॉब लगने और उसके बाद शादी के इन्तेजार में वो बेचारी कुंवारी मर जाती...” हाहाहा फिर बहुत हँसे दोनों ये सोच के कि बात में दम है...
पर सच में वो थी तो किस्मत भी बुलंद थी बाबा, हम ही राजा और हम ही बादशाह थे... पर कोई नहीं वो खुश तो बाबा हम भी खुश...
फिर शाम को अखबार उठा के देखा तो एक बड़ी प्यारी लव स्टोरी पढ़ी तो सोचा कि इसे तो सब को बताऊंगा... उसे लिख कर मैं उसका मजा कम नहीं करना चाहता इसलिए उसे उसी तरह पोस्ट कर रहा हूँ... आप सब को जरूर पसंद आएगी...
source - e-amarujala
शेयर जरूर करना अपने दोस्तों को... ऐसी कहानी हर किसी को पढने को नहीं मिलती बाबा... जय हो...
- बाबा बेरोजगार
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