मैं सोच ही रहा था कि अब क्या लिखू... कुछ आ ही नहीं रहा था दिमाग में... फिर WhatsApp पर एक दोस्त ने इतना दिमाग ख़राब क्या हुआ है कि इसी पर लिखने की सोची...
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दरअसल वो मेरी क्लासमेट और अच्छी दोस्त है... कॉलेज से ही वो छोटी छोटी बातों को दिल पर लेने वाली हुई... फिर छोटी बातों को ले के अपना मूड तो ख़राब करना हुआ हम लोगो का भी करना हुआ... उसे हम तब भी समझाते थे... और हद है अभी भी समझाना पड़ रहा है...
एक छोटी सी फेसबुक पोस्ट को ले कर हम दोस्तों ने उसकी थोड़ी सी टांग क्या खिंची उसने तो बाबा ऐसा बवाल मचाया कि पूछो ही मत... समझा समझा के दिमाग का दही कर दिया... एक अच्छे दोस्त होने के नाते मैंने भी समझाया तो वही हाल...
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आज फिर मैंने उसे ढंग से सुनाया कि ऐसे नखरे तूने आगे भी रखे तो तेरी लाइफ तो बड़ी खतरनाक होने वाली है... जब तू दोस्तों की छोटी छोटी मजाक नहीं संभल पा रही तो इस दुनिया को कैसे झेलेगी... वो बस एक मौके के इंतज़ार में बैठे रहते हैं कि कब सामने वाला बंदा कुछ गलती करे और उस से मजे ले...
अच्छा हुआ उसे हम जैसी लाइफ नहीं मिल रही कहा कहा भटकना पड़ रहा है एक अच्छी जॉब के लिए... फिर जा के कही हमारी लाइफ शुरू होगी... उसका क्या है जॉब लग गई है अच्छी बात है... कुछ टाइम बाद शादी हो जाएगी... हमारा तो शादी अब सपना ही लग रहा है बाबा... हाहाहा....
चलो उसे जितना समझा सकता था समझाया बाकि उसकी मर्जी... अब जो होगा खुद झेले... यहाँ हमे अपनी प्रॉब्लम से छुट्टी नहीं मिल रही... तो फिर से मूड सही कर के जोर से बोलो जय बाबा की...
- बाबा बेरोजगार
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