तीलू रौतेली पुरस्कार उत्तरखंड सरकार की तरफ से उन लड़कियों और महिलाओ को दिया जाता है, जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र में अच्छा काम किया है... चाहे वो पढाई में हो, खेलकूद में या किसी और क्षेत्र में... इस बार 13 महिलाओं को ये पुरस्कार दिया गया... साथ ही 20 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया...
राज्य की उन महिलाओ के लिए ये सम्मान दिया जाता है जो अपने कामो से राज्य का नाम रोशन करते हैं... इस पुरस्कार में सम्मानित महिला को 21 हजार रूपये की धनराशी और एक प्रशस्ति पत्र भी दिया जाता है...
तीलू रौतेली को हर उत्तराखंडी जानता है, जिन्होंने कम उम्र (15 वर्ष) में ही अपने पिता और भाई की मृत्यु का बदला लेने के लिए युद्ध में कूद पड़ी थी... इनका जन्म 8 अगस्त 1661 को पौड़ी जिले के चोन्द कोट परगना के गुराड़ गांव में हुआ था।
उनका बचपन बीरोंखाल के कांडा मल्ला गाँव में गुजरा था... इनकी माता का नाम मैणावती रानी था और इनके पिता भूप सिंह थे... जो गढ़वाल नरेश की सेना में थे... 15 साल की उम्र में युद्ध में सामिल होने के बाद 20 साल की उम्र तक युद्ध लड़ा.... हर बार जीती... पर 22 साल की उम्र में दुश्मनों ने चालाकी से उनका वध कर दिया... उनकी वीरता की याद में आज भी कांडा और बीरोंखाल के लोग में हर साल कोथिग (मेले) का आयोजन करते हैं... इन्हें उत्तराखंड की झांसी की रानी भी कहा जाता है।
उनका बचपन बीरोंखाल के कांडा मल्ला गाँव में गुजरा था... इनकी माता का नाम मैणावती रानी था और इनके पिता भूप सिंह थे... जो गढ़वाल नरेश की सेना में थे... 15 साल की उम्र में युद्ध में सामिल होने के बाद 20 साल की उम्र तक युद्ध लड़ा.... हर बार जीती... पर 22 साल की उम्र में दुश्मनों ने चालाकी से उनका वध कर दिया... उनकी वीरता की याद में आज भी कांडा और बीरोंखाल के लोग में हर साल कोथिग (मेले) का आयोजन करते हैं... इन्हें उत्तराखंड की झांसी की रानी भी कहा जाता है।
और अब हर साल 8 अगस्त को उनकी जन्म दिवस पर राज्य में उनकी जयंती मनाई जाएगी और इस पुरस्कार जीतने वाली नारियों का सम्मान किया जायेगा...
तीन तलाक के लिए लड़ने वाली शायरा बानो को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो काशीपुर की हैं...
इस बार सम्मानित 13 महिलों के नाम इस प्रकार है...
- शायरा बानो (उधम सिंह नगर)
- त्रितिक्षा कपिल (हल्द्वानी, नैनीताल)
- निर्मला (उधम सिंह नगर)
- हेमा थलाल (पिथोरागढ़)
- हेमलता भट्ट (अल्मोड़ा)
- पल्लवी उप्रेती (बागेश्वर)
- अंजू (देहरादून)
- मृणालिका अत्रेय (देहरादून)
- डॉ. पुष्पा रानी वर्मा (हरिद्वार)
- उपासना सेमवाल (रूद्रप्रयाग)
- छब्बी देवी (उत्तरकाशी)
- सविता चमोली (उत्तरकाशी)
- उषा किरण बिष्ट (उत्तरकाशी)
इनके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया... जिन्हें 10 हजार रूपये के साथ ही प्रशस्ति पत्र दिया गया... जिनके नाम इस प्रकार हैं -
- प्रेमा जोशी (नैनीताल)
- अनीता चौहान (नैनीताल)
- सीमा सैनी (उधम सिंह नगर)
- रंजीता अरोड़ा (उधम सिंह नगर)
- शबनम खातून (अल्मोड़ा)
- आशा आर्य (अल्मोड़ा)
- शिखा जोशी (बागेश्वर)
- आशा (चमोली)
- नीतू नेगी (देहरादून)
- पिंकी देवी (देहरादून)
- रितेश (हरिद्वार)
- रुक्मणि खरे (हरिद्वार)
- उर्मिला (हरिद्वार)
- मीनाक्षी नैथानी (पौड़ी)
- कविता देवी (पौड़ी)
- लक्ष्मी देवी पंवार (पौड़ी)
- विमला देवी (उत्तरकाशी)
- हेमलता देवी (रुद्रप्रयाग)
- रेखा भट्ट (टिहरी)
- ममता (टिहरी)
- बाबा बेरोजगार
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