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Friday 25 May 2018

पेट्रोल डीज़ल के दाम कम हो गए तो क्या फायदा और क्या नुकसान

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आज कल बहुत चर्चा का विषय है पेट्रोल डीज़ल के दाम में बढ़ोत्तरी। और इसे कम करने के लिए कहा जा रहा है। जो एक हद तक सरकार द्वारा टैक्स कम कर के किया जा सकता है। पर कुछ का मानना है कि पेट्रोल/डीज़ल को GST में लाने पर बहुत ज्यादा कमी आ जायेगी इनके दाम में।

पेट्रोल डीज़ल के दाम कम हो गए तो क्या फायदा और क्या नुकसान








मान लें अगर ये सब हो जाये और पेट्रोल/डीज़ल 50रुपये के आसपास आ जाये तब। क्या होगा फायदा और क्या नुकसान।

जैसा कि सभी को मालूम हैं कि डीज़ल और पेट्रोल जैसे पेट्रोलियम ईंधन जमीन से या समंदर में खुदाई कर के बहुत गहराई से निकला जाता है। जैसे कि अरब देशों में इसके बड़े बड़े कुवें हैं जहां से इन्हें निकाला जाता है और उसके बाद इन्हें इस्तेमाल करने लायक ईंधन में बदला जाता है। और जमीन से निकला जाता है तो एक सीमित भंडार होगा जो कभी न कभी खत्म भी होगा और वो जल्द ही खत्म हो जाएगा। जिस के बाद हमें इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियां चलानी पड़ेंगी या सायद कोई और नई तकनीक बन जाये। पर कुछ लोग कहेंगे कि अभी तो खत्म नही हो रहा तो इसे अभी भूल जाओ।

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तो अब जब पेट्रोल और डीज़ल सस्ते हों जाएँगे तो हम जैसे मध्यम वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा तसल्ली मिलेगी पर सिर्फ उन को जिनके पास अपनी गाड़ी है। उनका महीने का बजट थोड़ा सही हो जाएगा। रोज का 20-30rs भी बच गया तो महीने का लगभग 1000rs बचेगा कम से कम। पर सिर्फ उनका जिनके पास गाड़ी है।

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अब इसका दूसरा पहलू। ये सब देख कर बाकी के लोग जो ऑटो या बस से आना जाना करते हैं रोज का तो वो भी कोसिस करेंगे गाड़ी लेने की, पर जो ले सकतें हैं। और रोड में लगभग दुगनी संख्या में गाड़ियां आ जायेगी। प्रदूषण भी होगा पर उसे किस को फिकर। तो प्रदूषण के अलावा क्या हो सकता है। रोड जाम। अभी 1 घंटे का जाम है तो तब 2 घंटे का लगेगा। एम्बुलेंस को अब दुगनी भीड़ और जाम सहना पड़ेगा। पर ये सब उनके लिए जिन के पास गाड़ी है या जो कोसिस कर के गाड़ी ले लेंगे थोड़ा एडजस्ट कर के।

पेट्रोल डीज़ल के दाम कम हो गए तो क्या फायदा और क्या नुकसान







बाकी के लोगों का क्या??? उनको वही बस या ऑटो से आना जाना पड़ेगा। वही रोज का। पर अगर पेट्रोल/डीज़ल के दाम कम होने से बस और ऑटो के किराए में भी कमी की जाए तो इनके दाम कम होने से हम सभी का भला होगा। और एक सही मायने में सब के लिए अच्छा होगा।

पेट्रोल डीज़ल के दाम कम हो गए तो क्या फायदा और क्या नुकसान

पर ये तो हुई हम मिडिल क्लास लोगों की छोटी खुशियों के बारे में। अब बात उन अमीर लोगों जो महंगी महंगी गाड़ियां और बाइक चलाते हैं। जिनकी गाड़ियों का एवरेज 10km per लीटर से भी कम होता है। अरे अपने बुलेट को ही देख लो अपने लिए तोभये भी बहुत तेल पीती है। तो इन महंगी और ज्यादा फ्यूल लेने वाली गाड़ियों की तो डिमांड ही बढ़ जाएगी।






और जो लड़के अभी इतना फालतू राउंड लगाते है गाड़ियों में वो तो तब पानी की तरह बहाएंगे पेट्रोल को। और जिन ट्रांसपोर्ट वालों की कई गाड़ियां चलती हैं उनके और मजजे। उनका मुनाफा डबल।


तो बात ये है कि एक लिमिट में सब कुछ हो तो सब का सही होगा। हमारे लिए भी और पर्यावरण के लिए भी। और अगर फिर भी अगर ये रिस्क लेना चाहते हैं तो फिर ये भी याद रखिये कि ये सब ईंधन खत्म भी जल्दी हो जाएगा और उसके विकल्प तैयार रखे और खुद भी इसके लिए तैयार रहें। पेट्रोल और डीजल अगर सस्ता भी हो जाये तो उसे पानी की तरह न बहाया जाए।
तो ऐसा प्लान बनाया जाए कि अगर दाम कम होते हैं तो उसका गलत इस्तेमाल और हद से ज्यादा न प्रयोग हो और आम जनता जो बस और ऑटो जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करती है उनका किराया भी कम किया जाए।

आप को क्या लगता है ये सब सिर्फ कहने की बात है या थोडा बहुत सच्चाई है इसमें???

- बाबा बेरोजगार 

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