आज सुबह का अखबार देखा तो पता चला कि आज अपने खूबसूरत लेक सिटी नैनीताल का Birth Day है वो भी 174वाँ... शहर का भी Birth Day इसलिए कि आज के ही दिन यानी 18 नवम्बर को अंग्रेज व्यापारी “P. बैरेन” ने नैनीताल झील की खोज की थी...
Source - British Library
सभी जानते हैं कि नैनीताल की खोज अंग्रेज व्यापारी P. बैरेन ने की... पर मुझे भी अखबार में पढ़ के पता चला कि उनसे पहले ही तत्कालीन कमिश्नर “ट्रेल” 1823 के करीब नैनीताल पहुंचे थे... पर उन्होंने ये बात इस लिए नहीं बताई कि इस से यहाँ की नैसर्गिक सुन्दरता के बिगड़ने का खतरा था... पर वही बैरेन साहब तो हम जैसे निकले... वो यहाँ से लौटते ही कोलकाता में अख़बारों में नैनीताल के बारे में लेख प्रकाशित करवाकर फेमस हो गये बाबा...
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नैनीताल को आज किसी अलग पहचान की जरूरत तो है नहीं... यहाँ कई बॉलीवुड फिल्म बन चुकी हैं... अमिताभ बच्चन ने यहाँ के स्कूल से ही पढाई की है... टीवी स्टार राम कपूर ने भी उसी स्कूल से पढाई पूरी की है...
नैनीताल को देखने देश विदेश से पर्यटक आते रहते हैं... यहाँ तक कि मैं भी अक्सर जाता रहता हूँ.... हीहीही.... नैनीताल में नीचे मार्केट से लेकर ऊपर पहाड़ी तक पूरा सड़क का जाल बिछा हुआ है... जो कि बहुत कि बढ़िया बात है... नैनीताल को देख के ही सारी थकान दूर हो जाती है...
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नैनीताल में 1880 एक बार खतरनाक भूस्खलन हो चुका है जिसमे आज के 7 नंबर वाला क्षेत्र पूरा ढह गया था... पर उस से सबक लेने के बजाये लोग बेखोफ हो के हद से ज्यादा भवन निर्माण कर उस पहाड़ पर बहुत ज्यादा भार डाल रहे हैं... मैं खूब वहा रहा हूँ... और जानता हूँ कि नैनीताल के पहाड़ उतने मजबूत भी नहीं हैं जितने कि उस पर लोग मकान बना रहे हैं... अगर लोग अभी भी नहीं रुके तो फिर तो ऊपर वाला ही जाने...
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नैनीताल लेक के किनारे बैठ कर पता नहीं हर कोई बस उसे एक टक देख के किसी अलग दुनिया में खो जाता है... बहुत ही शांत और ठंडी हवा लिए झील के किनारे बैठने का मजा शायद ही कोई ढंग से बता पाए...
बाकि और कुछ नहीं कहूँगा... एक बार नैनीताल आ के देखो... खुद पता चल जायेगा... और हाँ आओगे तो एक रात रुक के जाना क्यूंकि अँधेरा होते ही नैनीताल की जगमगाती रोनक का मजा कुछ और ही होता है... जय हो...
- बाबा बेरोजगार
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