उत्तराखंड में माँ नंदा देवी महोत्सव शुरू हो गया है... चाहे अल्मोड़ा हो या फिर नैनीताल, खूब धूम-धाम के साथ माँ नंदा देवी की पूजा शुरू हो गई है...
नैनीताल में भी माँ नयना देवी मंदिर में शुरू हो गया है... इस बार पशुबलि भी नहीं दी जाएगी... बस फूलों और फलो का प्रसाद माँ को चढ़ाया जायेगा... नैनीताल के फ्लैट ग्राउंड में बहुत बड़ा मेला लगता है हर साल... वेसे तो नैनीताल घुमने के लिए बहुत ही प्यारी जगह है पर मेले के होने से सोने पे सुहागा हो जाता है...
नैनीताल झील को देख के बहुत सोचता हूँ कि कुदरत का भी कैसा करिश्मा है... हर जगह से पहाड़ों के बीच में घेरे होने और बीच में बड़ी और गहरी झील एक साथ होने का बड़ा मस्त फंडा है... घूमना हो तो पहाड़ो की चोटियों में निकल लो या फिर झील के किनारे आराम से बैठ कर सुस्ता लो... शायद कुदरत ने अपने मजे के लिए ही बनाया होगा...
नैनीताल को देख के मन में एक अगल ही शांति और आराम मिलता है, ऐसा लगता है जैसे कि दुनिया भर कि परेशानियों से दूर आ के शुकून मिला हो... कोई झंझट नहीं... कोई दुनियादारी से मतलब नहीं बस अब नैनीताल आ गये हो तो बस यहाँ की ख़ूबसूरती का मजा लो... बाकी कि बातें बाद में...
कुछ ऐसे ही परेशानियों से दूर जाने के लिए मैं फिर आऊंगा नैनीताल तेरे दर पे... माँ नंदा देवी के दर पे... जय हो...
- बाबा बेरोजगार
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