उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लि. (उपनल)
Uttarakhand PurvSainik Kalyan Nigam Ltd. (UPNL)
वैसे तो खूब सुना है ये डायलॉग कि किसी चीज़ को सिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात तुम्हारे मज्जे लेने में लग जाता है... आज का अखबार देखा तो लगा बस ये डायलॉग अपने लिए ही बना है...
उत्तराखंड उपनल पर हाई कोर्ट की लगी रोक हट गई है साथ में ये भी आदेश दे दिया कि अब उपनल में सिर्फ पूर्व सेनिक और उनके आश्रितों को ही सरकारी ऑफिस में नियुक्ति मिलेगी... बाकि लोग बाबा जी के साथ बैठ के भजन गाओ...
एक तो आस बची थी जहा से बिना किसी जुगाड़ के अपनी मेहनत से सरकारी जॉब के आसार थे चाहे संविधा में ही सही कम से कम बोलने को तो था कि बन्दा सरकारी ऑफिस में जाता है चाहे कम ही कमाता है, कच्ची जॉब है पर बोलने को था, एक आस थी कि मेहनत कर के कुछ सालों में ही सही, क्या पता पक्की जॉब हो जाये... पर नहीं जिन्दगी ने मज्जे भी तो लेने हुए...
अब क्या बोलूं हाई कोर्ट भी मज्जे ले रही है अब उसे भी बेरोजगारी बढ़ानी हुई उत्तराखंड में... कह रही है कि औरों के लिए सेवायोजन कार्यालय खुले हैं, पर आज तक सेवा योजन में बस प्राइवेट कंपनी ही आई है और वो भी कानपुर, गाजियाबाद पता नही किस किस कोने से, और बस 8-10 हजार के लिए उतने दूर जाओ, अब इनते रूपये में वो खायेगा, बचाएगा या किराया देगा...
वेसे तो बड़ी बातें होती है सब समान है तो फिर कोई भी अपनी मेहनत से क्यों नहीं उपनल कि परीक्षा में बैठ सकता है, जो काम का होगा वही जॉब में लगेगा... पर नहीं बेरोजगारी बढाओ... सब को लात मार के दिल्ली बम्बई भेजो फिर कहो राज्य से युवा पलायन कर रहा है... तो क्या यहाँ बैठ के मुली उगाएगा वो... या रोड के किनारे बैठ के भुट्टा बेचेगा...
क्या बोले अब बाबा... बस समझ लो कि बड़ी कस के लात पड़ी है आज... फोज्जियों तुम ही मज्जे लो... पेंशन के भी और सरकारी ऑफिस के भी... बाकि पहाड़ के किसान का लड़का या फिर प्राइवेट जॉब करने वाले का लड़का घर से दूर जिन्दगी बर्बाद करेगा... हिम्मत हुई और पैसा हुआ तो दुकान खोलेगा, गाडी चलाएगा, होटल में काम करेगा... पर सरकारी जॉब का सोचेगा भी नहीं... जय हो....
- बाबा बेरोजगार
No comments:
Post a Comment