अक्सर दिनभर की भाग दौड़ के बाद रात को सोने जाओ तो नींद जैसे गायब हो जाती है और दिमाग में कई तरह की बातें चलती है, कुछ बातें जो हो न सकी, कुछ बाते जो होनी चाहिए।। कुछ बातें जो हम खुद से करना चाहते हैं, खुद को कॉल कर के खुद की बातें सुनाना चाहते हैं, बाबा कालिंग बाबा...
हम सभी के साथ होता होगा कि दिन भर नींद आएगी पर जैसे ही सोने की तैयारी करो नींद गायब, आंखे थक चुकी है पर नींद नही, कुछ बातें अंदर ही अंदर परेशान करती हैं।
अपनी कुछ ऐसी बातें जो हम किसी और से चाह कर भी नही कर सकते हैं, और हमें खुद ही उन बातों को अपने आप को सुनाना होता है।
मेरी बात की जाए तो मेरी नाकामियां ही मुझे सोने नही देती, दिनभर के काम में अपनी नाकामियां कितनी भी छुपा लो पर शाम को खुद से नही चुप सकते।। वो बातें बार बार याद आती है, परेशान करती हैं।।
चाहे घरवालों के सामने एक हारा हुआ खिलाड़ी साबित होने की बात हो, एक टाइम बाद घरवाले भी उम्मीद छोड़ देते हैं, वो चाहे आप को कितना भी सपोर्ट करें पर उनके लिए आप अब बस एक हारे हुए खिलाड़ी हो जो वापस रेस में नही आ सकता, और आ भी गया तो जीतने के चांस बहुत कम है। पर अपने होने के कारण आपका सपोर्ट करते हैं। और उनकी यही अच्छाई सबसे ज्यादा तकलीफ देती है।
खुद को मनाते हैं कि कल पक्का कुछ नया और अच्छा होगा। कल पक्का अपनी नजरों में ऊपर उठूंगा और चैन से सोऊंगा।। पर वो कल पता नही क्यों जल्दी नही आता।। क्यों इतना देर कर रहा है, आखिर कब तक खुद को खुद से झूठ बुलवाऊं कि कल पक्का....
- बाबा बेरोजगार
हम सभी के साथ होता होगा कि दिन भर नींद आएगी पर जैसे ही सोने की तैयारी करो नींद गायब, आंखे थक चुकी है पर नींद नही, कुछ बातें अंदर ही अंदर परेशान करती हैं।
अपनी कुछ ऐसी बातें जो हम किसी और से चाह कर भी नही कर सकते हैं, और हमें खुद ही उन बातों को अपने आप को सुनाना होता है।
मेरी बात की जाए तो मेरी नाकामियां ही मुझे सोने नही देती, दिनभर के काम में अपनी नाकामियां कितनी भी छुपा लो पर शाम को खुद से नही चुप सकते।। वो बातें बार बार याद आती है, परेशान करती हैं।।
चाहे घरवालों के सामने एक हारा हुआ खिलाड़ी साबित होने की बात हो, एक टाइम बाद घरवाले भी उम्मीद छोड़ देते हैं, वो चाहे आप को कितना भी सपोर्ट करें पर उनके लिए आप अब बस एक हारे हुए खिलाड़ी हो जो वापस रेस में नही आ सकता, और आ भी गया तो जीतने के चांस बहुत कम है। पर अपने होने के कारण आपका सपोर्ट करते हैं। और उनकी यही अच्छाई सबसे ज्यादा तकलीफ देती है।
खुद को मनाते हैं कि कल पक्का कुछ नया और अच्छा होगा। कल पक्का अपनी नजरों में ऊपर उठूंगा और चैन से सोऊंगा।। पर वो कल पता नही क्यों जल्दी नही आता।। क्यों इतना देर कर रहा है, आखिर कब तक खुद को खुद से झूठ बुलवाऊं कि कल पक्का....
- बाबा बेरोजगार
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