2 साल पहले उत्तराखंड के
केदारनाथ मंदिर में आई आपदा शायद ही कोई भूला होगा... अचानक आई उस आपदा ने कई जाने ली
और कई लोगो की जिन्दगी बर्बाद कर दी.. उनके घर, गाव, जमीन, पालतू जानवर, सब कुछ
बहा ले गई ये आपदा...
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16, 17, और 18
जून 2013 को आई मुसलाधार बरसात में पहाड़ो में आतंक मचा दिया था... नदियों के
किनारे के गाव, रोड, बाज़ार सब कुछ बह गया था... कई जगहों पर बदल फटने से गाव के
गाव बह गये थे... मुझे याद है जब न्यूज़ में दिखा रहे थे की केदार नाथ मंदिर के
निचे स्थित छोटा सा गाव है रामबाड़ा... उस बरसात में आई बाढ़ से पूरा गाव बह गया था
और वहा पर सिर्फ पत्थर मिटटी ही थी...
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केदारनाथ मंदिर
के ऊपर स्थित एक ताल है जो उस रात आई भयंकर बारिश होने से उस के दीवारों में दरार
आ गई जिस से पूरा का पूरा ताल टूट गया और उस का सारा पानी निचे मोजूद केदारनाथ
मंदिर में आने लगा... जो की बिलकुल सुनामी जैसा हाल था... बहुत ऊँची ऊँची लहरे बनी
जिस से केदारनाथ में मोजूद बड़ी बड़ी इमारते तक टूट गई और वह रह रहे लोगो की मौत हो
गई...
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केदारनाथ मंदिर
के पीछे पानी में बह कर आये एक बड़े से पत्थर के आ जाने से पानी मदिर के अगल बगल ने
निकल गया जिस से केदारनाथ मंदिर टूटने से बच गया... और कुछ लोग भी बच गये...
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आज भी केदार
नाथ के बारे में सुनता हूँ तो डर लगता है की वह मोजूद लोगो पर क्या बीती होगी...
कितने लोगो की जान गई... कितने लोग बहे... कितने लापता हुए... कोई सही आकड़ा नहीं
है...
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उत्तराखंड में
सिर्फ केदारनाथ में ही ऐसा नहीं हुआ बल्कि पुरे पहाड़ में हुआ... पिथोरागढ़ के
धारचूला में काली नदी में भी भयंकर उफान आया था... जिस से कई किलोमीटर रोड बह गई
थी जिस से कई गाव तक सामान तक नही आ रहा था... बहुत से घर तक बह गये थे... यही हाल
पूरे पहाड़ो में था... सब जगह सड़के बह गई थी.... घर, गाव बह गये थे...
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पर 2 साल बाद
भी उन लोगो की सही ढंग से बसाने में सरकारी ढंग से मदद नहीं कर रहे... उस में भी
सालों ने घपला किया है... पर फिर भी कुछ लोगो के बुरे होने से सब बुरे नहीं बन
जाते... इस आपदा में पुरे देश ने दिल से मदद की है... उन लोगो के लिए जो बन सका वो
किया है... शुक्रिया उस सब का...
- बाबा बेरोजगार
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