पूरी दुनिया में कोरोना महामारी ने प्रलय मचाया हुआ है, बड़े से बड़े देश भी इसके सामने बेबस नजर आ रहे हैं, जहाँ इस बीमारी से लड़ने के लिए हमे शारीरिक रूप से मजबूत होना जरुरी है वही देश को भी आर्थिक रूप से मजबूत होना जरुरी है... इसलिए भारत सरकार ने राहत कोष के अलावा अपने सांसदों की सैलरी में कटोती करने का भी फैसला लिया है...
जब तक आप कोई काम खुद न करो तो उसको करने के लिए कहना पूरी तरह से बेअसर होता है, जहाँ सरकार ने जनता से अपील की है की आप अपने खर्चों पर कमी लाये, घर पर रहे और "राहत कोष" में दान कर कोरोना से लड़ने में मदद करे तो उन्हें खुद पर भी ये अमल में लाना जरुरी था...
इसी कारण सरकार ने अपने सभी सांसदों यहाँ तक की महामहिम राष्ट्रपति के वेतन में भी 30 प्रतिशत की कमी कर दी है और दो साल (2020-22) तक सांसद निधि भी स्थगित कर दी है...
क्यूंकि लॉक डाउन की वजह से सभी काम काज ठप है, जिस से पूरी दुनिया में मंदी की आशंका बढ़ गई है, जिससे देश को आर्थिक रूप से जरुर कुछ परेशानियाँ होंगी, जिसे हम सब को मिल के संभालना होगा...
अभी तक COVID19 बीमारी का कोई इलाज नही मिला है और ना ही इसका प्रकोप थम रहा है, अमेरिका, इटली, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, ईरान जैसे देश इस बीमारी के कब्जे में आ चुके है और हर दिन बढ़ी संख्या में लोग मर रहे हैं... वही चीन जहाँ से इस बीमारी की शुरुवात हुई है वो इसे कण्ट्रोल कर चूका है और वहां हालत अब सामान्य होने लगे हैं...
भारत में भी धीरे धीरे इस बीमारी का प्रकोप बढ़ रहा है, जिस कारण ज्यादातर राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार से 14 अप्रैल को ख़तम होने वाले लॉक डाउन को और आगे बढ़ने की बात कही है, और आखिरी फैसला केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर छोड़ दिया है...
वही उड़ीसा ने 30 अप्रैल तक राज्य में लॉक डाउन बढ़ा दिया है और केंद्र सरकार से भी इसे आगे बढ़ाने की सिफारिश की है... और लॉक डाउन पर आगे क्या होता है यह जल्द प्रधानमंत्री बताएँगे...
वेसे पूरी दुनिया की हालत और देश में बढे कोरोना वायरस के केस को देख कर लॉक डाउन को आगे बढ़ाना जरुरी हो गया पर साथ ही जरुरी क्षेत्रों में राहत दी जानी चाहिए जैसे कि किसानो को अपनी फसलों को काटने और बेचने के लिए सरकार को कोई कदम उठाना चाहिए...
ब्लॉग के साथ साथ हमारे फेसबुक पेज (Survey of Uttarakhand) से भी जुड़े रहे राज्य और एग्जाम की हर मुख्य खबर के लिए....जब तक आप कोई काम खुद न करो तो उसको करने के लिए कहना पूरी तरह से बेअसर होता है, जहाँ सरकार ने जनता से अपील की है की आप अपने खर्चों पर कमी लाये, घर पर रहे और "राहत कोष" में दान कर कोरोना से लड़ने में मदद करे तो उन्हें खुद पर भी ये अमल में लाना जरुरी था...
इसी कारण सरकार ने अपने सभी सांसदों यहाँ तक की महामहिम राष्ट्रपति के वेतन में भी 30 प्रतिशत की कमी कर दी है और दो साल (2020-22) तक सांसद निधि भी स्थगित कर दी है...
क्यूंकि लॉक डाउन की वजह से सभी काम काज ठप है, जिस से पूरी दुनिया में मंदी की आशंका बढ़ गई है, जिससे देश को आर्थिक रूप से जरुर कुछ परेशानियाँ होंगी, जिसे हम सब को मिल के संभालना होगा...
अभी तक COVID19 बीमारी का कोई इलाज नही मिला है और ना ही इसका प्रकोप थम रहा है, अमेरिका, इटली, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, ईरान जैसे देश इस बीमारी के कब्जे में आ चुके है और हर दिन बढ़ी संख्या में लोग मर रहे हैं... वही चीन जहाँ से इस बीमारी की शुरुवात हुई है वो इसे कण्ट्रोल कर चूका है और वहां हालत अब सामान्य होने लगे हैं...
भारत में भी धीरे धीरे इस बीमारी का प्रकोप बढ़ रहा है, जिस कारण ज्यादातर राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार से 14 अप्रैल को ख़तम होने वाले लॉक डाउन को और आगे बढ़ने की बात कही है, और आखिरी फैसला केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर छोड़ दिया है...
वही उड़ीसा ने 30 अप्रैल तक राज्य में लॉक डाउन बढ़ा दिया है और केंद्र सरकार से भी इसे आगे बढ़ाने की सिफारिश की है... और लॉक डाउन पर आगे क्या होता है यह जल्द प्रधानमंत्री बताएँगे...
वेसे पूरी दुनिया की हालत और देश में बढे कोरोना वायरस के केस को देख कर लॉक डाउन को आगे बढ़ाना जरुरी हो गया पर साथ ही जरुरी क्षेत्रों में राहत दी जानी चाहिए जैसे कि किसानो को अपनी फसलों को काटने और बेचने के लिए सरकार को कोई कदम उठाना चाहिए...
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- बाबा बेरोजगार
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