आज कल जब हर जगह एक नया वायरल Meme, मुन्ना भाई MBBS के डायलॉग "जरूरी है क्या" पर बन रहा है तो हम क्यों पीछे रहे.... याद करते हैं कुछ यादें इसी बहाने
अक्सर नैनीताल जाते समय बस नास्ते के लिए "दो गांव" नामक जगह पर जरूर रुकती है। जहां हर कोई चाय पकोड़े, ब्रेड पकोड़ा, भुट्टा, निम्बू पानी आदि का आनंद उठाते हैं। बस इसी की याद में ये मीम
ठीक उसी तरह जब कोई पहाड़ (गढ़वाल) से देहरादून आता है या देहरादून से वापस जाता है तो, "तीन धारा" नामक जगह पर अक्सर बस चाय नास्ते कब लिए रुकती है। यहां पर पराठे, नींबू पानी, चाय आदि से सफर में फ्रेश हो जाते हैं
अल्मोड़ा की "बाल मिठाई" पूरे कुमाऊं में फेमस है, जब भी कोई इस रास्ते आता जाता है तो उस से पहलीं डिमांड इसी मिठाई की होती है।
पहाड़ के सफर में टेढ़े मेढे घुमावदार रास्तों में अच्छे खासे यात्री की हालात भी बुरी हो जाती है, उल्टी होने लगती है। इसलिए खिड़की वाली सीट की कीमत तो एक चुटकी सिंदूर वाले महेश बाबू भी नही जानते हैं। वही कुछ लोग पहाड़ो का नजारा देखने के लिए उल्टी होने का बहाना बना कर भी खिड़की वाली सीट मांगने लगते हैं।।
जुड़े रहे अपने पहाड़ से। खट्टी मीठी यादों के साथ।।
- बाबा बेरोजगार
अक्सर नैनीताल जाते समय बस नास्ते के लिए "दो गांव" नामक जगह पर जरूर रुकती है। जहां हर कोई चाय पकोड़े, ब्रेड पकोड़ा, भुट्टा, निम्बू पानी आदि का आनंद उठाते हैं। बस इसी की याद में ये मीम
ठीक उसी तरह जब कोई पहाड़ (गढ़वाल) से देहरादून आता है या देहरादून से वापस जाता है तो, "तीन धारा" नामक जगह पर अक्सर बस चाय नास्ते कब लिए रुकती है। यहां पर पराठे, नींबू पानी, चाय आदि से सफर में फ्रेश हो जाते हैं
अल्मोड़ा की "बाल मिठाई" पूरे कुमाऊं में फेमस है, जब भी कोई इस रास्ते आता जाता है तो उस से पहलीं डिमांड इसी मिठाई की होती है।
पहाड़ के सफर में टेढ़े मेढे घुमावदार रास्तों में अच्छे खासे यात्री की हालात भी बुरी हो जाती है, उल्टी होने लगती है। इसलिए खिड़की वाली सीट की कीमत तो एक चुटकी सिंदूर वाले महेश बाबू भी नही जानते हैं। वही कुछ लोग पहाड़ो का नजारा देखने के लिए उल्टी होने का बहाना बना कर भी खिड़की वाली सीट मांगने लगते हैं।।
जुड़े रहे अपने पहाड़ से। खट्टी मीठी यादों के साथ।।
- बाबा बेरोजगार
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