“माँ”, “मदर”, “मोम” “मम्मी” कहे या फिर पहाड़ी में “ईजा”... आज का दिन माँ के नाम... मई महीने के दूसरे सन्डे को Mother’s Day के रूप में मनाया जाता है... आज के दिन आप सभी लोग अपनी माँ के लिए कुछ खास जरूर करे...
वेसे तो ये एक पाश्चात्य सभ्यता की निशानी कह के लोग टाल देते हैं... क्यूंकि भारतीय समाज में माँ को ऊँचा और अलग दर्जा दिया गया है... और माँ के लिए कोई एक खास दिन की जरूरत नहीं... पर आज कल के बिजी दिनचर्या में एक अलग के दिन के बहाने ही सही हम अपनी फीलिंग बता तो सकते हैं... साल भर चाहे कुछ न कहे...
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माँ साल भर हमारी सारी इच्छाएं पूरी करती हैं... कुछ भी बोल तो खाने के लिए पका देती है... कोई नखरे नहीं... खाना खाने के बाद जहा हम सब मज्जे से मोबाइल ले के या टीवी के सामने बैठ के अपना खाना पचाते हैं वही माँ जूठे बर्तनों को धोने बैठ जाती है... ये तो बस एक छोटी सी बात है...
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लव यू मम्मी... मुझ जैसे निक्कमे नालायक और बेरोजगार बेटे को अब तक घर में रखने और मुझे सहने के लिए... हाहाहा... आपका....
- बाबा बेरोजगार
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