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Tuesday 13 October 2015

अर्ज किया है... फिर से...






      हेल्लो दोस्तों आज कल Whatsapp और Facebook पर इतने अच्छे message आते हैं कि मजा आ जाता है... तो सोचा कुछ ऐसे ही शेर ओ शायरी यहाँ भी पोस्ट करूँ...

arj kiya hai hindi shayari



जिनका मिलना मुकददर में नहीं लिखा होता है...
“उनसे” मोहब्बत कसम से कमाल की होती है...



तेरी भीगी हुई जुल्फों की कसम...
तू जहाँ बाल निचोड़े वहां महखाना बन जाये...









तिनका हूँ तो क्या हुआ वजूद है मेरा...
उड़ उड़ के हवा का रुख तो बताता हूँ...



मुददत के बाद उसने जो आवाज दी मुझ को...
कदमों की  क्या बिसात थी, साँसे ठहर गई...








वाह वाह करते चलो... और आगे निकलते रहो... जय हो...


-    बाबा बेरोजगार 




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