एक कहावत है 2 जून की रोटी किस्मत वालों को नसीब होती है। जो अब कोरोना महामारी से जूझते दुनिया के सभी देशों में सच साबित हो रही है।
इस महामारी से जहां लोगों को जान बचाने के लिए अपना काम धंधा बंद कर घर में बंद होने को मजबूर किया वही अब इस बीमारी के साथ जीने और फिर से काम धंधा शुरू करने की परेशानी सब के चेहरों पर साफ देखी जा सकती है।
बड़े से बड़े बिजनेसमैन भी इस मंदी से परेशान हैं। अपने काम को फिर से सेटल करने और उसे सही से चलाने में काफी मेहनत करनी होगी। अब कुछ भी पहले जैसे नही रह गया है। अच्छे खासे मुनाफे वाले भी नुकशान झेल रहे हैं।
हर जगह मंदी के कारण नोकरी खतरे में है, कुछ लोग खुद शहरों को छोड़ आने अपने गांव वापस आ गए हैं, महामारी में अपना गांव ही सब को सुरक्षित लगा। और अब यही कुछ न कुछ काम ढूंढ रहे हैं।
ऐसा नही है कि महामारी से सब बुरा ही हुआ है कुछ अच्छा भी हुआ है, छोटे काम की वही वैल्यू अब सब को समझ आ रही है, अगर आप इस महामारी के टाइम भी कम रहे हैं और अपना घर चला रहे हैं तो आप किसी सफल आदमी से कम नही। ये बहुत बड़ी बात है।
समय है हर काम की वैल्यू समझने की और फालतू खर्च कम कर जिंदगी की नई शुरुआत करने की।
2 जून की रोटी खुशी से खाये। आप और हम सभी बहुत खुशनसीब है जो 2 जून की रोटी नसीब हुई।
इस महामारी से जहां लोगों को जान बचाने के लिए अपना काम धंधा बंद कर घर में बंद होने को मजबूर किया वही अब इस बीमारी के साथ जीने और फिर से काम धंधा शुरू करने की परेशानी सब के चेहरों पर साफ देखी जा सकती है।
बड़े से बड़े बिजनेसमैन भी इस मंदी से परेशान हैं। अपने काम को फिर से सेटल करने और उसे सही से चलाने में काफी मेहनत करनी होगी। अब कुछ भी पहले जैसे नही रह गया है। अच्छे खासे मुनाफे वाले भी नुकशान झेल रहे हैं।
हर जगह मंदी के कारण नोकरी खतरे में है, कुछ लोग खुद शहरों को छोड़ आने अपने गांव वापस आ गए हैं, महामारी में अपना गांव ही सब को सुरक्षित लगा। और अब यही कुछ न कुछ काम ढूंढ रहे हैं।
ऐसा नही है कि महामारी से सब बुरा ही हुआ है कुछ अच्छा भी हुआ है, छोटे काम की वही वैल्यू अब सब को समझ आ रही है, अगर आप इस महामारी के टाइम भी कम रहे हैं और अपना घर चला रहे हैं तो आप किसी सफल आदमी से कम नही। ये बहुत बड़ी बात है।
समय है हर काम की वैल्यू समझने की और फालतू खर्च कम कर जिंदगी की नई शुरुआत करने की।
2 जून की रोटी खुशी से खाये। आप और हम सभी बहुत खुशनसीब है जो 2 जून की रोटी नसीब हुई।
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