Cigarette

Google Translator

Monday 5 March 2018

पूर्णागिरि मंदिर - टनकपुर (चम्पावत)

blogger widgets
    पूर्णागिरि मंदिर उत्तराखंड के चम्पावत जिले के टनकपुर में स्थित है। यहां हर साल राज्य का सबसे लंबा चलने वाला मेला आयोजित होता है।





    टनकपुर से 25 किलोमीटर दूर काली (शारदा) नदी के किनारे स्थित इस मंदिर में दर्शन के लिए राज्य से ही नही अपितु उत्तरप्रदेश और नेपाल से भी श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

   माना जाता है कि इस शक्तिपीठ में दक्ष प्रजापति की पुत्री सती की नाभि अंग गिरा था, जब विष्णु भगवान ने माँ सती में शरीर को अपने सुदर्शन चक्र से विखंडित किया था। जहां जहां उनके शरीर के अंग गिरे वहां वहां शक्ति पीठ की उत्पत्ति हुई।



     शिवपुराण में रुद्रासहिंता के अनुसार भगवान शिव का विवाह दक्षप्रजापति की पुत्री सती के साथ हुआ था, एक बार किसी कारणवश अपने किसी पारिवारिक अनुष्ठान में अपनी पुत्री सती और जमाई शिव को नही बुलाया। जिस पर नाराज देवी सती पिता से कारण जानने मायके पहुंची। पिता ने सती और भगवान शिव को अपशब्द कहे, जिसे अपने पति का अपमान समझ के माँ सती यज्ञ की अग्नि में जा बैठी। सती की मृत्यु को देख शिव भगवान ने क्रोध में तांडव शुरू कर दिया और राजा दक्ष प्रजापति का वध कर, माँ सती के मृत शरीर को ले कर पूरे ब्रह्मांड की परिक्रमा करने लगे। उनके इस वियोग रूप को देख विष्णु भगवान ने अपने सुदर्शन चक्र से माँ सती के शरीर को विखंडित किया, तब शिव जी की वियोग टूटा। इसी विखंडित शरीर के अंग जहां जहां गिरे वहां वहां शक्तिपीठ की उत्पत्ति हुई।


     देश के 51 शक्तिपीठो में से एक अन्नपूर्णा शिखर में 5500 फुट की ऊंचाई पर स्थित पूर्णागिरि मंदिर में 3 महीने तक चलने वाले मेले का आयोजन इस साल 2 मार्च से शुरू हो चुका है।

- बाबा बेरोजगार

No comments:

Post a Comment

Blogger Widgets